
गुरुवार शाम का दीपक करेगा धन और सुख में वृद्धि
गुरुवार शाम का दीपक करेगा धन और सुख में वृद्धि
बृहस्पतिवार का दिन देवगुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। यह दिन विशेष रूप से धन, ज्ञान, सौभाग्य और परिवार में सुख-शांति प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति को सौभाग्य, समृद्धि और बुद्धि का कारक ग्रह कहा गया है। यदि जीवन में आर्थिक तंगी, वैवाहिक कलह या भाग्य की रुकावटें बनी रहती हैं, तो गुरुवार की शाम दीपक जलाने का उपाय चमत्कारिक रूप से जीवन में परिवर्तन ला सकता है।
दीपक जलाने का सही समय और दिशा
गुरुवार की शाम सूर्यास्त के बाद, यानी जब दिन और रात का संगम हो रहा होता है, तब दीपक जलाना सबसे शुभ माना जाता है।
- दीपक जलाने की दिशा: उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या पूर्व दिशा में जलाना श्रेष्ठ होता है।
- तेल: देसी घी का दीपक सबसे उत्तम होता है। यदि उपलब्ध न हो तो सरसों का तेल भी प्रयोग कर सकते हैं।
- बत्ती: पीले कपास या हल्दी में रंगे हुए धागे की बत्ती का उपयोग करने से अधिक शुभ फल प्राप्त होते हैं।
दीपक जलाने की विधि
- पहले स्नान करें और पीले या हल्के रंग के वस्त्र पहनें।
- भगवान विष्णु या बृहस्पति देव की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक रखें।
- दीपक में घी भरें और बत्ती जलाएं।
- दीपक जलाते समय मंत्र बोलें – “ॐ बृं बृहस्पतये नमः”
यह मंत्र धन, बुद्धि और समृद्धि का प्रतीक है। - इसके बाद भगवान विष्णु को पीला पुष्प, केले और बेसन के लड्डू अर्पित करें।
- यदि संभव हो, तो पीपल या तुलसी के नीचे भी दीपक जलाएं — इससे बृहस्पति ग्रह का प्रभाव और बढ़ जाता है।
इस उपाय से मिलने वाले चमत्कारिक लाभ
- घर में धन और वैभव की वृद्धि होती है।
- परिवार में सौहार्द और प्रेम बढ़ता है।
- रुके हुए काम धीरे-धीरे बनने लगते हैं।
- नौकरी या व्यापार में नई प्रगति के अवसर मिलने लगते हैं।
- जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होकर आध्यात्मिक शांति आती है।
- बृहस्पति के कृपा से ज्ञान, विद्या और सम्मान की प्राप्ति होती है।
विशेष ध्यान दें
- गुरुवार के दिन नाखून काटना, बाल कटवाना या झूठ बोलना अशुभ माना जाता है।
- इस दिन नमक का सेवन कम करें या संभव हो तो बिना नमक का व्रत रखें।
- किसी को भी वस्त्र, अन्न या पीले फल दान करना बहुत शुभ फल देता है।
- दीपक बुझने से पहले स्थान न छोड़ें — दीपक पूरी तरह जल जाए, तब ही हटें।
गुरुवार दीपक पूजन के नियम
- स्नान व शुद्धता:
गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करें और साफ, पीले या हल्के पीले वस्त्र धारण करें। शरीर और मन की शुद्धता सबसे आवश्यक मानी जाती है। - व्रत व संकल्प:
यदि संभव हो तो गुरुवार का व्रत रखें। भगवान विष्णु और बृहस्पति देव के नाम का संकल्प लेकर दिनभर सात्त्विक आहार लें। - पूजन स्थान की व्यवस्था:
घर के पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में एक स्वच्छ स्थान पर पूजा स्थल बनाएं। वहाँ भगवान विष्णु, बृहस्पति देव या श्री लक्ष्मी-नारायण की तस्वीर रखें। - दीपक की तैयारी:
- दीपक में देसी घी या सरसों का तेल प्रयोग करें।
- बत्ती पीले कपास के धागे या हल्दी में रंगी हुई सूती बत्ती की बनाएं।
- दीपक में थोड़ा सा कुंकुम, हल्दी या चंदन भी डालना शुभ होता है।
- दीपक जलाने का समय:
दीपक को सूर्यास्त के बाद संध्या बेला में जलाएं।
दीपक पूर्व दिशा की ओर मुख करके रखें। - पूजन विधि:
- दीपक जलाकर भगवान विष्णु को पीले पुष्प, पीले फल, और बेसन के लड्डू अर्पित करें।
- पूजा के दौरान यह मंत्र बोलें: “ॐ बृं बृहस्पतये नमः”
- इसके बाद श्री विष्णु सहस्रनाम या विष्णु चालीसा का पाठ करें।
- पूजा समाप्ति पर परिवार के सभी सदस्य दीपक की आरती करें।
- दान और सेवा:
- इस दिन पीले कपड़े, चना दाल, गुड़ या केले का दान करें।
- किसी जरूरतमंद को भोजन कराना या पीले फल देना अत्यंत पुण्यकारी होता है।
- निषेध (क्या न करें):
- गुरुवार के दिन नाखून, बाल न कटवाएं।
- घर में झाड़ू लगाना, तेल लगाना या कपड़े धोना अशुभ माना जाता है।
- किसी से कटु वचन या झगड़ा न करें, यह बृहस्पति देव को अप्रसन्न करता है।
गुरुवार दीपक पूजन का महत्व
- धन और सौभाग्य की वृद्धि:
बृहस्पति ग्रह धन, ज्ञान और सौभाग्य के अधिपति हैं। दीपक पूजन से इनका प्रभाव बढ़ता है, जिससे जीवन में धन-संपत्ति और समृद्धि आती है। - परिवार में शांति और प्रेम:
इस पूजा से घर में आपसी सद्भाव, प्रेम और सहयोग का वातावरण बनता है। दांपत्य जीवन में सुख की वृद्धि होती है। - नौकरी और व्यापार में उन्नति:
जो लोग रोजगार या व्यवसाय में रुकावटें झेल रहे हैं, उनके लिए यह उपाय अत्यंत लाभकारी है। बृहस्पति की कृपा से नए अवसर और सफलता प्राप्त होती है। - नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति:
दीपक का प्रकाश घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मकता का संचार करता है। - विद्या और ज्ञान की प्राप्ति:
बृहस्पति ज्ञान और बुद्धि के कारक हैं। पूजा करने से विद्यार्थियों को अच्छा ध्यान, स्मरण शक्ति और सफलता मिलती है। - आध्यात्मिक उन्नति:
दीपक जलाने से आत्मा का अंधकार मिटता है और मनुष्य में आध्यात्मिक चेतना और भक्ति की भावना जागृत होती है।
निष्कर्ष
गुरुवार शाम का दीपक पूजन एक छोटा-सा परंतु अत्यंत शक्तिशाली उपाय है। श्रद्धा और नियमपूर्वक किया गया यह दीपक धन, सुख, ज्ञान, और सौभाग्य का स्रोत बनता है। नियमित रूप से हर बृहस्पतिवार यह पूजा करने से जीवन में भाग्य के द्वार खुलते हैं और दिव्य आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।