गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा विधि
गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा — विस्तृत विवरण
हिन्दू धर्म में गुरुवार (बृहस्पतिवार) का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित माना जाता है। इस दिन केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। केले का वृक्ष पवित्र माना जाता है और कई मान्यताओं के अनुसार इसमें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास बताया गया है। गुरुवार की पूजा में केले के पेड़ की पूजा शुभ फल प्रदान करने वाली मानी जाती है।
1. पूजा का आध्यात्मिक महत्व
- केले का पेड़ सौभाग्य, समृद्धि और स्थिरता का प्रतीक है।
- यह माना जाता है कि इस पेड़ की पूजा से परिवार में ख़ुशहाली आती है।
- यह पूजा बृहस्पति ग्रह को मजबूत बनाती है, जिससे शिक्षा, विवाह, और आर्थिक स्थिरता में लाभ मिल सकता है।
- विवाहित महिलाओं के लिए यह पूजा विशेष रूप से शुभ होती है, इससे दाम्पत्य जीवन में मधुरता आती है।
2. क्यों की जाती है गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा?
- गुरुवार को केले का पेड़ काटना या छूना भी वर्जित माना गया है क्योंकि इस दिन इसकी पूजा की जाती है।
- ज्योतिष में बृहस्पति को पीला रंग प्रिय माना गया है, और केला भी पीले रंग से संबंधित फल है।
- इसलिए, पीले फल, पीले फूल, हल्दी, और गुड़ से पूजा की जाती है।
3. पूजा की विधि
(1) तैयारी
- पीला वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
- पूजा की थाली में रखें:
- हल्दी, चावल (अक्षत), दीपक
- जल और दूध
- पीले फूल
- गुड़ और बेसन के लड्डू
- केला
(2) पूजा प्रक्रिया
- केले के पेड़ को जल से स्नान कराएँ।
- पेड़ की जड़ में दूध व पानी अर्पित करें।
- पेड़ को हल्दी और अक्षत चढ़ाएँ।
- दीपक जलाकर पेड़ के चारों ओर परिक्रमा करें (3 या 7 बार)।
- बृहस्पति देव का मंत्र जपें:
“ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः।” - भगवान विष्णु की प्रार्थना करें।
- पूजा के बाद गरीबों या ब्राह्मणों को केले का दान देना शुभ माना जाता है।
4. पूजा से मिलने वाले लाभ
- आर्थिक स्थिति में सुधार
- विवाह में आने वाली बाधाएँ कम होती हैं
- शिक्षा में सफलता
- दाम्पत्य जीवन में मधुरता
- घर में लक्ष्मी का स्थायी वास
5. क्या न करें?
- गुरुवार को केले के पेड़ को न काटें
- बाल न धोएँ (मान्यताओं के अनुसार)
- लेन-देन कम से कम करें
- नमक का सेवन न करना भी शुभ माना जाता है
गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा विधि
गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा विधि
शनिदेव पर ये चढ़ाऐ, होगी मनोकामना पूर्ण
