
कृष्ण जन्माष्टमी व्रत पर पारण करने का शुभ मुहूर्त 2025
आपकी जानकारी के लिए, Krishna Janmashtami 2025 (श्रीकृष्ण जन्मोत्सव) पर व्रत तोड़ने (पारण) का शुभ मुहूर्त, यानी उपवास ब्रेक करने का समय निम्न प्रकार है:
पारण (Fast-Breaking) का शुभ समय – 2025
1. प्रचलित आधुनिक परंपरा अनुसार
- पारण का समय: 5:51 AM के बाद, 17 अगस्त 2025 को सूर्योदय के बाद, अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र समाप्त होने के बाद।
2. स्थानीय पंचांग (Drik Panchang) और धर्मशास्त्र परंपरा अनुसार
- व्रत अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के समाप्त होने पर ही तोड़ा जाता है—इसलिए पारण का समय सूर्योदय (5:51 AM) के बाद ही उचित माना जाता है।
3. विविध क्षेत्रीय-स्थानीय भिन्नताएं
- कुछ क्षेत्रों में आधुनिक रीति के अनुसार, कभी-कभी मध्यरात्रि पूजा (Nishita Puja) के बाद भी पारण कर लिया जाता है। लेकिन यह पारंपरिक दृष्टिकोण की अपेक्षा कम अनुशंसित होता है।
कृष्ण जन्माष्टमी पारण के प्रमुख लाभ
- भक्ति और आशीर्वाद – भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है और भक्त की मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
- स्वास्थ्य लाभ – व्रत करने और पारण में सात्विक भोजन ग्रहण करने से शरीर शुद्ध और मन शांत होता है।
- पाप से मुक्ति – शास्त्रों में वर्णित है कि विधिपूर्वक व्रत और पारण करने से पाप नष्ट होते हैं।
- धन-समृद्धि की प्राप्ति – घर में सुख-समृद्धि और लक्ष्मी का वास होता है।
- परिवार में शांति – घर के सदस्यों के बीच प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।
- आध्यात्मिक उन्नति – आत्मा शुद्ध होती है और ईश्वर से जुड़ाव गहरा होता है।
- सद्गुणों की वृद्धि – संयम, धैर्य, श्रद्धा और भक्ति की भावना मजबूत होती है।
- संतान सुख की प्राप्ति – संतान प्राप्ति और उनके जीवन में उन्नति के लिए यह व्रत विशेष फलदायी माना जाता है।
- मन की शांति और सकारात्मक ऊर्जा – पारण के बाद सात्विक भोजन से तन-मन में शांति और पवित्रता आती है।
- मोक्ष की प्राप्ति – शास्त्र कहते हैं कि श्रीकृष्ण व्रत और पूजन से जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है।
सारांश तालिका (Summary Table)
दृष्टिकोण / परंपरा | पारण (व्रत-व्रतार) समय |
---|---|
आधुनिक समाज / आम परंपरा | सुबह 5:51 AM (17 अगस्त 2025) के बाद |
धर्मशास्त्र / पंचांग | अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के पश्चात, सूर्योदय के बाद |
वैकल्पिक (कुछ क्षेत्रों में) | कभी-कभी मध्यरात्रि पूजा के तुरंत बाद |
निष्कर्ष:
- सबसे शुभ और स्वीकार्य समय: 5:51 AM के बाद, 17 अगस्त 2025 को पारण कर सकते हैं, जब अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र दोनों समाप्त हो चुके हों।
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कृष्ण जन्माष्टमी व्रत पर पारण करने का शुभ मुहूर्त 2025
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