
कृष्ण जन्माष्टमी पर 10 खास भोग जो श्रीकृष्ण को प्रिय हैं
कृष्ण जन्माष्टमी पर 10 खास भोग, जो परंपरा और शास्त्रों के अनुसार श्रीकृष्ण को प्रिय माने जाते हैं—
1. माखन-मिश्री
कन्हैया का सबसे प्रिय भोग। ताज़ा सफेद मक्खन में मिश्री मिलाकर चढ़ाया जाता है।
महत्व: बचपन में कृष्ण जी माखन चुराकर खाते थे, इसलिए यह भोग विशेष प्रिय है।
2. पंचामृत
दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल या मिश्री का मिश्रण।
महत्व: यह पवित्र पंचतत्वों का संगम है, जो शुद्धता और भक्ति का प्रतीक है।
3. पंजीरी
गेहूं के आटे को घी में भूनकर उसमें सूखे मेवे और मिश्री मिलाकर बनाई जाती है।
महत्व: यह ऊर्जा देने वाला सात्विक प्रसाद है।
4. मखाना की खीर
मखाने, दूध, मिश्री और इलायची से बनी हल्की और पौष्टिक खीर।
महत्व: व्रत में भी खाई जा सकती है, और भगवान को मीठा बहुत प्रिय है।
5. मालपुआ
मैदा, दूध और चीनी से बने मीठे पैनकेक जैसे पकवान।
महत्व: खास मौकों पर श्रीकृष्ण को चढ़ाया जाता है, यह उनका एक पसंदीदा मिष्ठान है।
6. दूध-बरफी
दूध, चीनी और मेवे से बनी नरम बरफी।
महत्व: दूध और मिठास, दोनों श्रीकृष्ण को भाते हैं।
7. सूखे मेवों का मिक्स
काजू, बादाम, किशमिश, अखरोट आदि का मिश्रण।
महत्व: सात्विक, पौष्टिक और ऊर्जा से भरपूर प्रसाद।
8. फलाहार प्लेटर
केला, सेब, अंगूर, अनार, अमरूद आदि ताजे फलों का भोग।
महत्व: फलों का सेवन शुद्धता और सात्विकता का प्रतीक है।
9. मखाना-मिश्री मिक्स
भुने मखाने में मिश्री और घी मिलाकर बनाया गया भोग।
महत्व: हल्का, स्वादिष्ट और व्रत के अनुकूल।
10. लड्डू (बेसन/मोतीचूर)
घी, बेसन, चीनी और इलायची से बने लड्डू।
महत्व: प्रसन्नता और उत्सव का प्रतीक, जिसे भगवान आनंद से स्वीकार करते हैं।