
कुंभ मेला में स्नान का महत्व:
2025 में कुंभ मेले का आयोजन प्रयागराज (इलाहाबाद) में होगा। कुंभ मेला भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। इसमें गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर स्नान का विशेष महत्व है।
2025 कुंभ स्नान की तिथियां:
- मकर संक्रांति स्नान – 14 जनवरी 2025 (मंगलवार)
शुभ मुहूर्त: सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ गंगा स्नान। - पौष पूर्णिमा स्नान – 25 जनवरी 2025 (शनिवार)
पूर्णिमा के दिन संगम पर स्नान का महत्व। - मौनी अमावस्या स्नान – 29 जनवरी 2025 (बुधवार)
मौन व्रत और संगम स्नान से पापों का नाश। - बसंत पंचमी स्नान – 3 फरवरी 2025 (सोमवार)
ज्ञान और शक्ति का दिन। - माघ पूर्णिमा स्नान – 24 फरवरी 2025 (सोमवार)
संगम पर स्नान और दान का महत्व। - महाशिवरात्रि स्नान – 12 मार्च 2025 (बुधवार)
शिव आराधना और संगम स्नान।
कुंभ मेला में स्नान का महत्व:
- गंगा स्नान को मोक्ष का मार्ग माना जाता है।
- कुंभ के दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति होती है।
- ऋषि-मुनियों की कथा के अनुसार, अमृत की कुछ बूंदें कुंभ मेले के स्थानों पर गिरी थीं, जिससे इन स्थानों का महत्व बढ़ा।
कुंभ मेले में संगम स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ संतों के प्रवचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और सामाजिक गतिविधियां भी होती हैं।