
हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे धर्म, आस्था और आध्यात्मिकता से जोड़कर देखा जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से पवित्र नदियों, जैसे गंगा, यमुना, सरस्वती और नर्मदा में स्नान करने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था, और इसी दिन देवताओं और राक्षसों के बीच समुद्र मंथन भी समाप्त हुआ था। इसलिए, इस दिन को अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन विशेषकर दीपदान और भगवान शिव तथा विष्णु की पूजा का महत्व है। लोग मंदिरों में जाकर दीप जलाते हैं और भगवान से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टि से है, बल्कि इसे स्वास्थ्य और स्वच्छता से भी जोड़ा गया है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना शरीर और मन को शुद्ध करता है। यह पर्व हमें प्रकृति और समाज के प्रति कृतज्ञता का भाव सिखाता है।