
कामदा सप्तमी
कामदा सप्तमी व्रत विधि
कामदा सप्तमी व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह व्रत संतान प्राप्ति, संतान की समृद्धि और सुख-समृद्धि की कामना से रखा जाता है। इसे चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को किया जाता है।
व्रत विधि:
- स्नान और संकल्प:
- प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- पूजा की तैयारी:
- घर के मंदिर या पूजा स्थल को स्वच्छ करें।
- चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और सूर्यदेव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- कलश स्थापना करें और उसमें जल भरकर आम या अशोक के पत्ते रखें।
- भगवान की पूजा:
- धूप, दीप, फूल, अक्षत, रोली, चंदन और प्रसाद अर्पित करें।
- भगवान विष्णु और सूर्यदेव को विशेष रूप से अर्घ्य दें।
- कामदा सप्तमी व्रत कथा का पाठ करें।
- हवन और आरती:
- गंध, पुष्प, अक्षत और घी से अग्नि में आहुति दें।
- भगवान विष्णु और सूर्यदेव की आरती करें और सभी को प्रसाद वितरित करें।
- व्रत का पालन:
- दिनभर फलाहार करें या निर्जल व्रत रखें।
- सूर्यास्त के बाद या ब्राह्मण भोजन के बाद व्रत पारण करें।
महत्व:
कामदा सप्तमी का व्रत करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं, विशेष रूप से यह व्रत संतान सुख प्राप्ति और परिवार में खुशहाली लाने के लिए रखा जाता है।
आपको यह व्रत शुभ फल प्रदान करे! 🙏
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कामदा सप्तमी व्रत विधि: