
करवीर व्रत (या करवीर व्रतम्) एक धार्मिक व्रत है जो विशेष रूप से हिंदू महिलाओं द्वारा अपने परिवार की सुख-समृद्धि, पति की दीर्घायु और संतान सुख के लिए किया जाता है। यह व्रत करवीर (या करवी) नामक पवित्र फूल (करवीर = कनेर का फूल) के उपयोग के कारण प्रसिद्ध है।
🌸 करवीर व्रत का महत्व:
- यह व्रत विशेष रूप से कार्तिक मास में किया जाता है, खासकर करवा चौथ, दीपावली या पंचमी/सप्तमी के समय।
- करवीर पुष्प का धार्मिक दृष्टिकोण से विशेष महत्त्व है। यह फूल देवी-देवताओं को चढ़ाने के लिए विशेष रूप से उपयोग होता है, विशेषकर भगवान शिव, देवी दुर्गा और सूर्य देव को।
- यह व्रत पति की लंबी उम्र, संतान सुख और घर की समृद्धि के लिए किया जाता है।
🕉️ करवीर व्रत विधि:
- प्रातः स्नान करके शुद्ध होकर व्रत का संकल्प लें।
- करवीर पुष्प (कनेर के फूल) एकत्र करें – श्वेत, लाल या पीले।
- देवी की प्रतिमा/चित्र की पूजा करें – विशेष रूप से देवी दुर्गा या शिव-पार्वती।
- दीपक, धूप, नैवेद्य, पुष्प आदि से पूजा करें।
- करवीर पुष्प अर्पित करते हुए मंत्र बोलें: “करवीरं करिष्यामि, देवि त्वां प्रीणनाय च।
पतिसौख्यं समायान्तु, पुत्रपौत्रसुखं तथा॥” - दिन भर व्रत रखें (निर्जला या फलाहार) और सायं कथा श्रवण करें।
- रात्रि को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करें (यदि यह व्रत चंद्र दर्शन से संबंधित हो)।
📖 करवीर व्रत कथा:
करवीर व्रत से जुड़ी एक पौराणिक कथा भी कही जाती है जिसमें एक स्त्री ने करवीर व्रत करके अपने मृत पति को पुनः जीवित किया। कथा में करवीर पुष्प की महिमा और शक्ति का वर्णन है, जो देवी को अर्पण करने पर सभी संकटों का नाश करती है।
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करवीर व्रत (करवीर व्रतम्)
करवीर व्रत (करवीर व्रतम्)