
स्नान और दान की पूर्णिमा विशेष रूप से ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को कहा जाता है। यह दिन हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और पुण्यदायक माना गया है। इस दिन गंगा स्नान, व्रत, दान और धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व होता है।
🌕 स्नान दान की पूर्णिमा: महत्व
- गंगा स्नान: इस दिन गंगा नदी या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पापों का क्षय होता है।
- दान का महत्व: अन्न, वस्त्र, जल से भरे घड़े, छाता, चप्पल, पंखा और शीतल पेय दान करना बहुत पुण्यदायी होता है।
- व्रत: उपवास रखकर भगवान विष्णु या श्री हरि की पूजा करना मोक्षदायक माना जाता है।
- पितरों के लिए तर्पण: पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करना भी शुभ होता है।
📅 कब आती है स्नान दान की पूर्णिमा?
- यह ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को आती है, जो आमतौर पर मई या जून में होती है।
- इस दिन को गंगा दशहरा के आस-पास भी मनाया जाता है, जब गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था।
📅 पूर्णिमा तिथि और समय:
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 10 जून 2025, मंगलवार को दोपहर 11:35 बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त: 11 जून 2025, बुधवार को दोपहर 1:13 बजे
हिंदू पंचांग के अनुसार, तिथि का निर्धारण सूर्योदय के आधार पर किया जाता है, इसलिए उदय तिथि के अनुसार यह पर्व 11 जून को मनाया जाएगा।
🌕 इस दिन के प्रमुख पर्व:
- वट पूर्णिमा व्रत: विवाहित महिलाएँ अपने पति की दीर्घायु के लिए वट वृक्ष की पूजा करती हैं।
- स्नान यात्रा: ओडिशा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की विशेष स्नान यात्रा आयोजित की जाती है।
- कबीर जयंती: महान संत कबीर दास की जयंती भी इसी दिन मनाई जाती है।
🙏 इस दिन के धार्मिक कार्य:
- गंगा स्नान: पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत पुण्यदायक माना जाता है।
- दान: जल से भरे घड़े, वस्त्र, अन्न, छाता, चप्पल, पंखा आदि का दान करना शुभ होता है।
- व्रत और पूजा: भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें।
- पितरों का तर्पण: पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करें।
📜 पौराणिक मान्यता
मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु स्वयं गंगाजल में वास करते हैं। जो भी भक्त इस दिन श्रद्धापूर्वक स्नान, दान और जप करता है, उसे जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है।
🙏 क्या करें इस दिन:
- सूर्योदय से पहले स्नान करें (यदि संभव हो तो गंगा या किसी पवित्र नदी में)।
- व्रत रखें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- जरूरतमंदों को जलयुक्त घड़ा, पंखा, कपड़े, फल और मिठाई दान करें।
- तुलसी जी के समीप दीपक जलाएं और भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें।
2025 में श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा कब है?
https://www.youtube.com/@bhaktikibhavnaofficial/videos