“स्कंद षष्ठी पूजा विधि (पूजा कैसे करें)”
⭐ स्कंद षष्ठी पूजा विधि – परिचय
स्कंद षष्ठी हिंदू धर्म में भगवान कार्तिकेय (मुरुगन/स्कंद) की उपासना का अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन देवसेना का नेतृत्व कर असुर तारकासुर का वध करने वाले भगवान स्कंद की विजय का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा-भक्ति के साथ करने से साहस, ऊर्जा, संतानों का सुख और सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
स्कंद षष्ठी की पूजा विशेष रूप से दक्षिण भारत में अत्यधिक लोकप्रिय है, लेकिन अब पूरे देश में इसकी मान्यता बढ़ रही है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और स्कंद स्तुति के मंत्रों का जाप कर भगवान को प्रसन्न करते हैं।
पूजा विधि सरल होते हुए भी अत्यंत फलदायी मानी गई है। सही तिथि, शुद्ध मन और शास्त्रोक्त विधि से की गई पूजा से भगवान स्कंद शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को बल, बुद्धि और विजय का वरदान देते हैं।
⭐ स्कंद षष्ठी का महत्व
स्कंद षष्ठी भगवान कार्तिकेय (स्कंद/मुरुगन) को समर्पित एक अत्यंत पावन तिथि है, जो शक्ति, साहस और विजय का प्रतीक मानी जाती है। इस दिन भगवान स्कंद ने दुष्ट असुर तारकासुर का वध कर देवताओं को मुक्ति दिलाई थी। इसलिए यह तिथि विजय का पर्व भी कहलाती है।
🔱 मुख्य महत्व:
1. साहस और शक्ति का वरदान
भगवान स्कंद युद्ध के देवता और शक्ति के प्रतीक हैं। उनकी पूजा से व्यक्ति के भीतर साहस, आत्मबल, निश्चय और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
2. बाधाओं और कष्टों से मुक्ति
मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा मिलती है।
3. संतान-सुख की प्राप्ति
कथा अनुसार भगवान स्कंद की कृपा से संतान-सुख की इच्छा रखने वाले भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है। यह व्रत दंपत्तियों के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
4. विजय और सफलता का आशिर्वाद
देवताओं की विजय के स्मरण में मनाया जाने वाला यह पर्व जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने का आशीर्वाद देता है।
5. मानसिक व आध्यात्मिक शुद्धि
उपवास, मंत्र-जाप और पूजा से व्यक्ति के मन में शांति, एकाग्रता और आध्यात्मिक उन्नति आती है।
6. परिवार में सुख-शांति और समृद्धि
स्कंद षष्ठी की पूजा करने से परिवार पर भगवान स्कंद की कृपा बनी रहती है और घर में सुख-शांति तथा सौभाग्य का वास होता है।
सूर्य देव को जल देते समय क्या प्रयोग करें और क्या न करें
