
नवरात्रि व्रत में परहेज़ करने योग्य चीज़ें
नवरात्रि व्रत में परहेज़ करने योग्य चीज़ें
1. नमक (साधारण नमक)
- व्रत में सामान्य नमक का प्रयोग वर्जित है।
- इसके स्थान पर सेंधा नमक का उपयोग करें।
2. गेहूं और चावल
- सामान्य गेहूं का आटा और चावल व्रत में नहीं खाए जाते।
- इसके स्थान पर कुट्टू का आटा, सिंहाड़े का आटा और सामक चावल का सेवन करें।
3. प्याज और लहसुन
- व्रत में प्याज और लहसुन का सेवन अशुद्ध माना जाता है।
- यह तामसिक और राजसिक भोजन की श्रेणी में आता है।
4. मांसाहार
- नवरात्रि में मांस, मछली, अंडा आदि वर्जित है।
- सात्विकता बनाए रखने के लिए पूरी तरह परहेज़ करें।
5. शराब और नशे वाले पदार्थ
- शराब, बीड़ी, सिगरेट और तंबाकू जैसी चीज़ें व्रत में बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए।
6. मैदा और पैकेज्ड फूड
- फास्ट फूड, बिस्कुट, नमकीन, और मैदे से बनी चीज़ें व्रत में नहीं खानी चाहिए।
7. दालें और मसाले
- अरहर, मसूर, उड़द जैसी दालें वर्जित हैं।
- गरम मसाले और रेडीमेड मसाला पाउडर का भी उपयोग न करें।
8. अत्यधिक तला-भुना खाना
- बहुत ज्यादा तली-भुनी चीज़ें पचने में भारी होती हैं।
- व्रत में हल्का और सात्विक भोजन ही उचित है।
9. कॉफी और कोल्ड ड्रिंक्स
- कैफीन युक्त पेय और कोल्ड ड्रिंक्स से बचें।
- इसके स्थान पर दूध, छाछ, नींबू पानी या नारियल पानी लें।
10. अत्यधिक मसालेदार भोजन
- बहुत तीखा, मसालेदार या चटपटा भोजन व्रत की शुद्धता को भंग करता है।
नवरात्रि व्रत रखने के लाभ
1. आध्यात्मिक लाभ
- माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
- साधक का मन भक्ति और ध्यान में स्थिर होता है।
- नकारात्मक विचार दूर होकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
2. मानसिक शांति
- सात्विक आहार से मन शांत रहता है।
- तनाव, क्रोध और बेचैनी कम होती है।
- ध्यान और प्रार्थना से मानसिक शक्ति बढ़ती है।
3. शारीरिक स्वास्थ्य लाभ
- फलाहार और हल्का भोजन करने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है।
- शरीर से विषैले तत्व (Toxins) बाहर निकलते हैं।
- उपवास शरीर को डिटॉक्स करने का प्राकृतिक तरीका है।
4. ऊर्जा में वृद्धि
- ताजे फल, सूखे मेवे और हल्का भोजन लेने से शरीर में नई ऊर्जा आती है।
- थकान और आलस्य कम होता है।
5. अनुशासन और आत्मसंयम
- व्रत रखने से मनुष्य में संयम की आदत बनती है।
- खानपान और दिनचर्या पर नियंत्रण आता है।
6. पारिवारिक और सामाजिक लाभ
- पूजा और आराधना से घर में सकारात्मक माहौल बनता है।
- परिवार में सामंजस्य और आपसी प्रेम बढ़ता है।
- समाज में धार्मिक एकता और श्रद्धा का भाव बढ़ता है।
7. आर्थिक और कर्मिक लाभ
- माँ दुर्गा की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- व्रत और भक्ति से पापों का क्षय होता है और अच्छे कर्मों का संचय बढ़ता है।
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नवरात्रि व्रत में परहेज़ करने योग्य चीज़ें
नवरात्रि व्रत में परहेज़ करने योग्य चीज़ें