तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त पूजा विधि
तुलसी विवाह
- शुभ मुहूर्त
हिन्दू शास्त्रानुसार यह उत्सव कार्तिक द्वादशी (कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि) को मनाया जाता है।
इस साल तुलसी पूजा 2 तारीख को है।
इस तिथि पर सुबह से शाम तक शुभ समय देखा जाता है; विवाह एवं पूजा-कार्य के लिए विशेष समय निकालना शुभ माना जाता है।
- पूजा-विधि
- घर में या मंदिर में तुलसी के पौधे के सामने एक मंडप/पवित्र स्थल बना लें।
- तुलसी को श्रृंगार करें — साफ करें, फूल-माला लगाएं, चुनरी, सिंदूर आदि लगा सकते हैं।
- वर (गroom) के रूप में शालिग्राम या विष्णु/कृष्ण की मूर्ति/चित्र स्थापित करें।
- तुलसी एवं शालिग्राम (या भगवान् विष्णु रूप) का अभिषेक करें—पवित्र जल, दूध, अक्षत, पुष्प आदि अर्पित करें।
- दोनों को एक-दूसरे से विवाह के रूप में जोड़ें: माला देना, सिंदूर देना, गमछा बिनाना या दानपात्र देना जैसे विधि-चिन्ह।
- आरती करें, भजन-कीर्तन करें, प्रसाद वितरित करें।
- इस पूजा के बाद घर, परिवार में समृद्धि, सौहार्द्र, दांपत्य-शांति की कामना करते हुए मंत्रों का जाप करें।
- पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
तुलसी को नियमित रूप से दिन में कम-से-कम एक बार जल देना व साफ-सफाई रखना शुभ माना जाता है।
विवाह के मौसम की शुरुआत के रूप में यह रस्म किया जाता है क्योंकि मानसून के बाद विवाह-शुभ समय शुरू माना जाता है।
पूजा-स्थल को स्वच्छ व पवित्र रखें; हल्की-फुल्की सजावट हो सकती है लेकिन व्यय बहुत अधिक ना हो।
मन में भक्तिभाव व श्रद्धा होनी चाहिए — रिवाज़ से अधिक भावना-पक्ष महत्वपूर्ण है।
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तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त पूजा विधि
तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त पूजा विधि
